9 साल पुराने हत्या के मामले में दो दोषियों को फांसी की सजा, पांच अन्य को उम्रकैद
1 min readरफ़्तार इंडिया न्यूज़ ब्यूरो
प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के पॉक़्सो कोर्ट ने दो हत्यारोपी को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि पांच अन्य हत्यारोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायलय ने हत्यारोपियों पर दो-दो लाख का आर्थिक जुर्माना भी ठोका है. हत्या के आरोपी तत्कालीन शिक्षक राजेश सिंह और नौशाद अली को विशेष न्यायधीश पॉक़्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है,जबकि अन्य साथी प्रमोद तिवारी,अशोक मिश्र, प्रदीप सिंह, अनुज दूबे, अरुण सिंह को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र हत्याकांड के मामले में न्यायलय ने यह सजा सुनाई.
14 जुलाई 2012 को जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र की घर मे घुसकर गोलीमार हत्या की गई थी हत्या। रात नौ बजे दोषी शिक्षक राजेश सिंह अपने आधा दर्जन गुर्गों के साथ शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र के घर पर पहुंचा, जहां विवाद करने के बाद उनकी गोली मार हत्या कर दी थी. जिसके बाद आरोपी फरार हो गए. मृतक के परिजनों ने शिक्षक समेत सात आरोपियों को नामजद करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
9 साल की सुनवाई के बाद सजा
केस का ट्रायल होने के बाद विशेष न्यायधीश पॉक़्सो कोर्ट पंकज श्रीवास्तव ने आरोपियों को कड़ी सजा सुनाते हुए दो व्यक्ति को फांसी और पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं इस मुकदमे की पैरवी अनिल कुमार मिश्र शासकीय फौजदारी के अधिवक्ता द्वारा की गई. प्रतापगढ़ में फांसी की सजा चर्चा का विषय बना हुआ है.