UP में नदियों का जलस्तर बड़ा, मिर्जापुर में बाढ़ के पानी में तैरता दिखा कंक्रीट का मकान
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ब्यूरो लखनऊ, कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अब प्रदेश के लोगों का बाढ़ का कहर झेलना पड़ रहा है। बुंदेलखंड में केन, चंबल तथा सहायक नदियों के उफान का बड़ा असर पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। चारों और पानी ही पानी है। मिर्जापुर में तो गुरुवार को बाढ़ के पानी में बरियाघाट पर एक मकान तैरता दिखा। थोड़ी देकर के लिए तो गंगा नदी किनारे खड़े लोगों के लिए यह नजारा किसी आश्चर्य से कम नहीं था।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में बरसात में बाढ़ की तबाही ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को भी अपनी चपेट में ले लिया है। बांदा में केन और यमुना नदी अपना रौद्र रुप दिखा रही हैं। जिसके कारण प्रयागराज, मिर्जापुर तथा वाराणसी में बाढ़ से बड़ी आबादी प्रभावित है। बाढ़ के सैलाब में आबादी के क्षेत्र के साथ ही जंगल भी डूबे हैं।
मिर्जापुर के बरियाघाट पर तैरते मकान को देख लोग आश्चर्य में पड़ गए। ज्यादातर लोग इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि आखिर ईंट पत्थर से निर्मित घर कैसे तैर सकता है। मिर्जापुर से हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां गंगा नदी में एक घर बहता हुआ नजर आया है। कंक्रीट के बने बहते हुए घर को देखकर बरियाघाट पर मौजूद लोग हैरान रह गए। कंक्रीट से बना पक्का घर पानी में ऐसे बह रहा था मानो पानी में कोई नाव तैर रही हो।
मिर्जापुर में बाढ़ का पानी सड़कों पर बह रहा है। जिले में खतरे का निशान पार कर तीन दिनों से रौद्र रूप धारण किए रही गंगा नदी की रफ्तार में गुरुवार को कमी थी। इसके बाद भी नदी में पानी की तेज धारा बाढग़्रस्त क्षेत्रों की दुश्वारियों को बढ़ा रही थी। मिर्जापुर में छानबे, कोन, सिटी, मझवां, पहाड़ी, सीखड़, नरायनपुर विकास खंड समेत विंध्याचल व चुनार के तटवर्ती इलाकों में अधिकांश गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। बाढ़ के कारण हजारों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं। यहां पर खरीफ फसल के साथ सब्जियों की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है।