महरागंज-बिना मान्यता प्राप्त स्कूल को बीएसए ने किया बंद-
1 min readरफ़्तार इंडिया न्यूज़-पुरंदरपुर,फरेन्दा-महराजगंज-
रिपोर्ट-जर्नलिस्ट गुरूचरण प्रजापति सहयोगी बमभोले मौर्य-पुरंदरपुर-महराजगंज-
15/04-2024-सोमवार-
जिले में कई वर्षों से बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर आखिरकार शिक्षा विभाग की नींद टूटी और निरीक्षण का जिम्मा स्वयं बेसिक शिक्षा अधिकारी(बीएसए)ने उठाते हुए स्कूलों को बंद करा दिया। बुधवार सुबह अचानक शासन से आए आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आया।
जिला वेसिक शिक्षा अधिकारी ने बिना मान्यता पाए जाने वाले स्कूल के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करने की बात कहे और स्कूल जांच करते हुए स्कूलों को सख्त हिदायत दी गई है कि दि दोबारा इन्हें खोला तो एक लाख रुपये जुर्माना लगेगा और और रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।
प्रार्थी के गांव में आर०एस०एकेडमी पब्लिक स्कूल का संचालन प्रबन्धक रमाशंकर पुत्र ठागे द्वास गलत तरीके से किया जा रहा था जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा किया गया था उक्त प्रकरण को जिलाधिकारी संज्ञान में लेते हुए बीएसए को जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिए थे उसी क्रम में बृहस्पतिवार को आरएस एकेडमी स्कूल की बीएसए द्वारा जांच में पाया गया कि मान्यता केवल कक्षा 6 से 12 तक की मिली है। जबकि विद्यालय प्रांगण में प्रबन्धक द्वारा मनमानी तरीके से विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए कक्षा नर्सरी से कक्षा 5 तक का भी संचालन कर रहे है। जबकि उन्हें इसकी मान्यता नहीं मिली।
बीएसए ने त्तकाल प्रभाव से विद्यालय को बंद कर आगे की कड़ी कार्यवाही करने की बात कहे-
दरअसल,जिले में बड़ी संख्या में बिना मान्यता के स्कूल चल रहे हैं। कई बार कार्रवाई के बाद भी विभागीय लापरवाही के कारण यह स्कूल दोबारा खुल जाते हैं। काफी दिनों से आ रही लगातार शिकायतों और उच्च अधिकारियों के निर्देशों के बाद भी इन पर लगाम नहीं लग पा रही थी। वहीं,शासन से लगातार इन पर कार्रवाई के लिए भी लिखा जा रहा था,लेकिन अधिकारियों की ओर से समय पर कोई कार्रवाई नहीं करने से संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। शासन से आए आदेश के बाद बीएसए ने स्कूलों का निरीक्षण किया तो मान्यता के कागजात ही नहीं मिले।
जिले में तकरीबन 100 से अधिक स्कूल हैं
जिले में ऐसे दर्जनों स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। जिनमें नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक बच्चे पढ़ते हैं। कुछ स्कूल तो 10वीं-12वीं तक की पढ़ाई कराते हैं,जबकि परीक्षा फार्म जुगाड़ से भरवाकर दूसरे मान्यता प्राप्त स्कूलों से परीक्षा दिलाते हैं। कई बार फार्म स्वीकृत नहीं होने की स्थिति में बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है। पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं। ट्रांसफर सर्टिफिकेट के नाम पर भी ऐसे स्कूल अभिभावकों को परेशान करते हैं और बच्चों का भविष्य दांव पर लग जाता है।
रफ़्तार इंडिया न्यूज-आनन्दनगर-महराजगंज-