दाग अच्छे हैं! सपा के एक उम्मीदवार पर 38 क्रिमिनल केस, जानें BJP और SP ने अब तक कितने दागियों को दिया टिकट
1 min readलखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर इन दिनों सियासत चरम पर है. चुनाव आयोग ने भी इसको लेकर खास तैयारी की है. इसी के तहत चुनाव आयोग ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें चुनावों में हिस्सा ले रहीं सभी राजनीतिक पार्टियों को क्रिमिनल केस वाले नेताओं को टिकट देने को लेकर सार्वजनिक तौर पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है. यह बताने को कहा गया है कि आखिर आपराधिक मुकदमे वाले लोगों को क्यों टिकट दिया जा रहा है? साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि साफ छवि वाले लोगों को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया जा सकता है? ऐसे में संबंधित राजनीतिक दलों की ओर से दिलचस्प खुलासे किए गए हैं. भाजपा ने अभी तक 109 उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से 37 पर क्रिमिनल केस है. वहीं, सपा ने अभी तक 20 ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. समाजवादी पार्टी के एक उम्मीदवार पर तो 38 मामले दर्ज हैं.
चुनाव आयोग के नए दिशा-निर्देश के बाद भाजपा की ओर से दिलचस्प खुलासे किए गए हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं. मौर्य सिराथू से भाजपा उम्मीदवार घोषित किए गए हैं. केशव प्रसाद मौर्य को टिकट क्यों दिया गया, इसको लेकर बीजेपी ने दलील भी दी है. भाजपा का कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र में, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में काफी लोकप्रिय हैं. भाजपा का कहना है कि पार्टी की स्थानीय इकाई ने मेरिट के आधार पर उनका नाम आगे बढ़ाया. बीजेपी की चुनाव आयोग संपर्क विभाग के अनुसार, केशव प्रसाद मौर्य को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में फंसाया गया है, ऐसे में अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले उनको प्राथमिकता दी गई.
सुरेश राणा और संगीत सोम पर बीजेपी का पक्ष
भाजपा ने सुरेश राणा को थाना भवन और संगीत सोम को सरधना से प्रत्याशी बनाया है. सुरेश राणा को लेकर भाजपा ने कहा कि वह मौजूदा सरकार में मंत्री हैं और गन्ना बकाया भुगतान को लेकर उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है. पार्टी का कहना है कि इस वजह से वह काफी लोकप्रिय भी हैं. वहीं, संगीत सोम को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर झूठे मामलों में फंसाया गया है.