निष्पक्ष पत्रकारिता अब बड़ा जोखिम करने वालों का हो सम्मान-
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रफ़्तार इंडिया न्यूज़-महराजगंज-
रिपोर्ट-संजय गुप्ता-महराजगंज-
निष्पक्ष पत्रकारिता अब बड़ा जोखिम करने वालों का हो सम्मान: जुल्फिकार हुसैन(एमडी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट)
बेबाक,निडर,सत्यता के साथ पत्रकारिता करने वाले कृपा शंकर योगी को EDSI के MD ने किया सम्मानित।
महराजगंज:EDSI एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के एमडी जुल्फिकार हुसैन सर ने आज महराजगंज जनपद के जाने माने पत्रकार कृपा शंकर योगी को अपने ऑफिस पर उनकी लेखनी से प्रभावित होकर किया सम्मानित।
एजुकेशनल इंस्टिट्यूट के एमडी जुल्फिकार हुसैन ने बातचीत करते हुए बताया कि पत्रकारिता हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। इस डिजिटल युग में ही नहीं बल्कि काफ़ी पुराने समय से ही पत्रकारिता हमारे दैनिक क्रियाकलाप के एक अंग के रूप में अपनी जगह बनाता रहा है जिसका काम सत्ता की‘ख़बर लेना’(कड़े़ सवाल करना)और ख़बर देना होता रहा। इसी क्रम में महराजगंज जनपद के एक युवा और जाने-माने पत्रकार कृपा शंकर योगी जी भी है जो अपने बेबाक,सत्यता और निष्पक्ष पत्रकारिता की छवि के लिए जाने जाते हैं। हम सबका दायित्व बनता है कि समाज में जो भी निष्पक्ष और समाज हित में पत्रकारिता करें ऐसे पत्रकारों को हमें समय-समय पर सम्मानित करना चाहिए और हमें उनका उत्साहवर्धन बढ़ाना चाहिए।
इस दौरान बातचीत करते हुए कृपा शंकर योगी ने कहा कि एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की तरफ से आज जो उन्हें सम्मान मिला है इसके लिए वह सदैव आभारी रहेंगे एवं समाज में पूरी तत्परता और सत्यता के साथ आवाज उठाएंगे और अपनी कलम से सत्य ही लिखेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में स्वतंत्रता एक बड़ी चुनौती है। इस क्षेत्र में चुनौतियों का सिलसिला कोई नया नहीं है। कॉरपोरेट और सरकारी दबाव के बीच नैतिक पत्रकारिता करना आज के राजनैतिक परिवेश के संदर्भ में बड़ी समस्या बन कर उभरा है जिससे कई ख़बरे या तो दब जाती है या फ़िर कई ख़बरों को दबा दिया जाता हैं।
कई ख़बरों को दूसरे दृष्टिकोण से परोसा जाता है तो कई ख़बरें कुछ एकाध जगह इस तरह दिखाई जाती है जिससे सब अपनी-अपनी मतलब की बात निकाल कर उसे‘न्यूट्रल’मीडिया समझ सकें और साथ ही सच्ची पत्रकारिता का उदाहरण भी उसे ही बना सकें। उसी बचे हुए खम्भों को हम लोकतंत्र का चौथा स्तंम्भ कहने लगते हैं जबकि वो वास्तव में है या नहीं यह सिद्ध करने में उसे वक़्त लगेगा क्योंकि बिक चुकी ज़मीन पर कुछ और स्तंम्भ खड़े कर दिए गए हैं जो अपने आप को चौथा स्तंम्भ या खम्भा बताते हैं। कई खम्बे एक ही रंग से पोत दिए गए हैं तो बड़ी कन्फ्यूज़न हो गई है इसलिए‘जागरूक’जनता उसे ही चौथा खम्बा समझने लगती है जिसका रंग थोड़ा अलग है.
विचित्र है कि कई लोगों को अभी भी उस रंग की समझ नहीं है इसलिए उसी एक रंग में रंगी मीडिया को देख वो किसी को‘हरे’ रंग में देखते ही‘लाल-पिला’हो जाता है। लेकिन मैं सत्य लिखना और समाज में सत्य दिखाना हमेशा जारी रखूंगा चाहे किसी भी प्रकार का कोई दबाव हो वह बेहिचक,निष्पक्षता और बेखौफ होकर समाज हित में जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे। ना ही किसी से डरेंगे और ना ही किसी से दबेंगे।
रफ्तार इंडिया न्यूज़-महराजगंज-