सरकार के मंसूबों पर पानी फेरता सहकारी समिति का प्रभारी व्यास मुनि-मिठौरा-
1 min read रफ़्तार इंडिया न्यूज़-महराजगंज-
रिपोर्ट-गुरूचरण प्रजापति-महराजगंज-
कमीशन के चक्कर मे सहकारी समिति मिठौरा के सचिव ने धान खरीदने के एक महीने के बाद भी नही लगवाएं किसानों के फिंगर-
अंगूठा लगाने की बात सचिव व्यास मुनि से कहने पर किसानों को अंगूठा नही लगाने का देता है धमकी-
सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72 घंटे के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया था, मगर आलम यह है कि उपज बेचने वाले किसानों का दो महीने से ऊपर के समय बीत जाने के बाद भी किसानों के फिंगर नही लगवा पाया मिठौरा का सचिव व्यास मुनि-
उल्लेखनीय है कि पनियरा ब्लाक के मिठौरा जंगल स्थित साधन सहकारी समिति धान क्रयकेंद्र पर केंद्र प्रभारी व्यास मुनि द्वारा आए दिन काफ़ी मनमानी कर रहा है किसान डेढ़ से दो माह पहले ही धान तौल करा लिए है लेकिन अभी तक फिंगर नहीं लग पाया है। केंद्र प्रभारी व्यासमुनी गुप्ता की मनमानी मनमानी इतनी बढ़ गई है कि केंद्र। किसानों का फोन न उठाने की शिकायत भी कई बार हो चुकी है पर किसानों को पहुंचाने पर गाली गलौज व मारपीट करने पर भी तैयार हो जा रहा है आए दिन व्यास मुनि की शिकायत जिले के अधिकारियों के पास भी किया गया है लेकिन उच्चाधिकारियों द्धारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे में किसान काफ़ी परेशान हो गया है-
कामता बुजुर्ग के किसान रामसमूझ ने बताया कि लगभग दो माह पहले केन्द्र पर 33 कुंतल 75 किलो धान का तौल कराया था लेकिन अभी तक फिंगर नहीं लग पाया है। केन्द्र प्रभारी द्धारा धान तो ले लिया गया लेकिन भुगतान कब मिलेगा इसकी कोई उम्मीद नहीं है।
जंगल बाकी टुकड़ा नं.14 के किसान मोहन सिंह ने बताया कि डेढ़ माह पहले केन्द्र पर 21 कुंतल धान का तौल करा चुके है लेकिन फिंगर न लग पाने के कारण भुगतान अटका हुआ है। केन्द्र प्रभारी से कहने पर वह आनाकानी व कुछ पैसे की डिमांड कर रहा है-
रूधौली भावचक के किसान कौशलेष दुबे ने बताया कि दो माह पहले 25 कुंतल धान का तौल कराया था। अब तक न तो फिंगर लगा है और न ही भुगतान मिला है। केन्द्र प्रभारी के मनमानी के वजह से दर्जनों किसान त्रस्त हैं।
कामता बुजुर्ग के किसान रामसमूझ ने बताया कि लगभग दो माह पहले केन्द्र पर 33 कुंतल 75 किलो धान का तौल कराया था लेकिन अभी तक फिंगर नहीं लग पाया है। केन्द्र प्रभारी द्धारा धान तो ले लिया गया लेकिन भुगतान कब मिलेगा इसकी कोई उम्मीद नहीं है।