ऋण माफ़ी की अफवाह पर सख़्त हुआ जिला प्रशासन-
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रफ़्तार इंडिया न्यूज़-महराजगंज-यूपी-
रिपोर्ट-जर्न.गुरूचरण प्रजापति-महराजगंज-
माइक्रो फाइनेंस ऋण माफ होने की अफवाह की,कड़ी सुलझाने में अधिकारियों की लगाई गई फील्डिंग-
ऋण माफ़ी की अफ़वाह पर गोरखनाथ में जुट गईं थी हजारों महिलाएं-
माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का ऋण माफी को लेकर अफवाह फैलाने के आरोप में अंबेडकर जनमोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा गौतम,उनके सहयोगी श्रवण कुमार निराला व उनके सदस्यों पर महराजगंज जिले के फरेंदा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों की ओर से दिया गया”ऋण माफ होने की” ऐसी अफवाह फैली कि हजारों महिलाएं गोरखनाथ में जुट गईं।
महिलाओं को बताया गया था कि ऋण माफ होने के बाद गारंटी के तौर पर बाकायदा प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
इंटरनेट मीडिया के माध्यम से फैलाई गई अफवाह का विश्वास कर महिलाएं रविवार कि शाम को गोरखपुर पहुंचने लगीं थी। इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को हुई तो हडकंप मच गया। महिलाओं को अफवाहों की सही जानकारी देने के लिए जगह-जगह आनन-फानन में अफसरों को लगाया गया।
काफी प्रयास के बाद महिलाओं को भरोसा हुआ कि उन्हें ठगने की कोशिश की गई है।
कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि एक से दो हजार रुपये लेकर कुछ लोग कई दिनों से फार्म भरवा रहे थे।
उनका कहना है कि जो महिलाएं फार्म भरेंगी,उनका ऋण माफ किया जा रहा है।
रविवार को सबसे ज्यादा महिलाएं महराजगंज जिले से आईं। उनका कहना था कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी से ऋण लेकर वह समय से व्याज का भुगतान करती हैं। कुछ दिन पहले ऋणमाफी की बात कहते हुए कुछ लोग आए और एक फार्म भरवाया था। उनका कहना था कि सरकार ऋण माफ कर रही है।
यह सूचना जब सीएम योगी को पता चला तो उन्होंने तत्काल अफ़वाह फैलाने वाले कि जनकारियां जुटाने व अफ़वाह को रोकने के लिए जिलाधकरियों को सख़्त निर्देश दे दिए।
अफ़वाह फैलने के के बाद महिलाओं को समझाने-बुझाने के लिए हर जिले जिलाधिकारीयों ने सुयोजित तरीकों से ब्लॉक के आलाधिकारियों से गांव गांव पहुंचकर समझाने के लिए सख़्त निर्देश दिए।
खंड विकास अधिकारी अमर नाथ पांडे द्वारा समूह की महिलाओं को समझते हुए-
वहीं आदेश अनुपालन में खंड विकाश अधिकारी पनियरा अमरनाथ पांडे ने ग्राम सभा माधोनगर,मुजुरी सोनवर्षा इत्यादि गांवों में पूछ-ताछ कर लोगों को अफ़वाह के बारे में अवगत कराया।
खंड विकास अधिकारी अमरनाथ पांडेय ने ग्रामीण महिलाओं को ऋण माफ़ी की योजना को अफ़वाह बताया।
महिलाओं द्वारा बताया गया कि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित खबरों को भी दिखाया गया था। भरोसे में आकर महिलाओं ने तेजी से फार्म भरना शुरू कर दिया था।
माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने अधिकारियों को बताया तो महिलाओं को जागरूक करने का काम शुरू किया गया है।
परेशान रहे हर ब्लॉक के एनआरएलएम के अधिकारी-
ऋण माफ होने की बात कहते हुए इकट्ठा हुई कुछ महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(एनआरएलएम) के समूहों के माध्यम से मिले ऋण को माफ किए जाने के बारे में बताया गया।
इस पर एनआरएलएम के अधिकारियों से जिले के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई। इसका जवाब देने में अधिकारी भी परेशान रहे। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां तकरीबन 10-15 प्रतिशत व्याज पर आसानी से ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराती हैं। एनआरएलएम महिला समूहों के माध्यम से ऋण देता है।
इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा प्राइवेट फाइनेंस कंपनीयों से भी अच्छी खासी रक़म ली गई है।
रफ़्तार इंडिया न्यूज़-महराजगंज-पनियरा-