फतेहपुर सीकरी में जाटों का है दबदबा, 1977 से चल रही चौधराहट
1 min readRIN संवाददाता आगरा. फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट पर जाटों का दबदबा है. यहां 45 साल से चौधराहट चल रही है. इस सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था. उस चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार स्वामी विश्वेश्वरानंद जीते थे. कद्दावर जाट नेता चौधरी बदन सिंह सबसे अधिक पांच बार इस सीट से विधायक रहे. 1977 से लेकर 1989 तक लगातार जीते. वर्तमान में भाजपा के चौधरी उदयभान सिंह फतेहपुर सीकरी के विधायक हैं.
बदन सिंह रामलहर में भाजपा के उम्मेद सिंह से 1991 का चुनाव हारे लेकिन, 1993 में वह भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे और फिर जीते. लेकिन तब तक चौधरी बाबूलाल का उभार हो चुका था. 1993 में जनता दल के टिकट से चुनाव लड़े बाबूलाल ने बदन सिंह को कांटे की टक्कर दी थी. 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़कर बाबूलाल ने परचम फहराया और बदन सिंह को तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया था. बदन सिंह 2002 तक चुनाव लड़ते रहे. जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल और भाजपा होते हुए समाजवादी पार्टीमें भी पहुंचे. लेकिन तब तक बाबूलाल और राजकुमार चाहर जैसे नेताओं के आगे अप्रसांगिक हो चुके थे.
चौधरी बाबूलाल 2002 में रालोद के टिकट से जीते. इसके बाद दो बार सूरजपाल सिंह चुने गए. 2007 में अपना दल से, 2012 में वह बसपा से जीते. 2017 में 22 साल बाद चौधरी उदयभान सिंह ने इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. उन्होंने बसपा के सूरजपाल सिंह को 52 हजार से अधिक वोटों से हराया था. 3.38 लाख वोटरों वाली फतेहपुर सीकरी सीट पर 1.12 लाख जाट मतदाता हैं. इसके बाद दलित 60 हजार, क्षत्रिय 50 हजार, ब्राह्मण 45 हजार और मुस्लिम वोटर करीब 30 हजार हैं.

 
                                 
                                 
                            