विवि.प्रशासन की खुली पोल-एम्बुलेंस से नोडल केंद्रों तक पहुंचाई जा रही है कॉपियां-
1 min readरफ्तार इंडिया न्यूज़-गोरखपुर-
ब्युरो रिपोर्ट-गोरखपुर-
डीडीयू में वार्षिक परीक्षाओं में एक के बाद एक लगातार व्यवस्था की पोल खुलती जा रही है। गुरुवार को एक और नया मामला सामने आया। अब विवि प्रशासन के पास मौजूद दो एम्बुलेंस से नोडल केन्द्रों तक उत्तर पुस्तिकाएं व प्रश्न पत्र पहुंचाए जा रहे हैं।
गुरुवारको विवि.प्रशासन द्वारा अब तक सभी परीक्षा केन्द्रों पर खुद ही परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र पहुंचाए जाते थे। प्रश्न पत्र जिस दिन पेपर होता था,उसी दिन सुबह सभी केन्द्रों पर पहुंचाए जाते थे।
दर्जन भर वाहन निर्धारित रूट से तय समय से प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं पहुंचा देते थे। इसके लिए एक ट्रेवल एजेंसी से विवि का करार हुआ था। वर्ष 2020 से ही विश्वविद्यालय के लिए कार्य कर रही एजेंसी के मुताबिक 35 लाख रुपये बकाया हो जाने पर विवि प्रशासन ने गाड़ी में डीजल भरवाने के लिए पैसा मांगे जाने पर उसे मना कर दिया था।
ऐसे शुरू हुई नई व्यवस्था-
विवि प्रशासन दोपहर में ही प्रशासनिक भवन स्थित स्ट्रांग रूम से अपने पास मौजूद वाहनों से पेपर नोडल केन्द्रों तक पहुंचवा रहा है। इसके लिए दोपहर में गाड़ियां लग जा रही हैं।दो एम्बुलेंस के अलावा तीन बोलेरो,एक डीसीएम और एक बस से नोडल केन्द्रों पर शाम तक सभी पेपर पहुंचा दिए जा रहे हैं।
पांच महीने में ही घटना को भूल गया डीडीयू प्रशासन
विवि में सुबह से लेकर शाम तक एम्बुलेंस प्रॉक्टर कार्यालय के पास खड़ी रहनी चाहिए। ताकि इमरजेंसी केस आए तो उसे तत्काल अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। 26 नवम्बर 2021 को विवि परिसर स्थित खेल मैदान में ही स्नातक तृतीय वर्ष की एक छात्रा अचानक बेहोश हो गई थी। उस समय एम्बुलेंस परिसर में नहीं बल्कि एक वीआईपी के आवास पर लगती थी। एम्बुलेंस नहीं होने के कारण तब किसी तरह छात्रों ने उस छात्रा को एक निजी कार से जिला अस्पताल पहुंचाया था। तब सवाल खड़े होने पर विवि ने यह व्यवस्था दी थी कि अब सुबह से शाम तक एम्बुलेंस प्रॉक्टर कार्यालय पर खड़ी रहेगी।
एजेंसी के चयन तक विवि की गाड़ियों का इस्तेमाल
डीडीयू के मीडिया एवं जनसपंर्क विभाग ने इस मामले में अपना पक्ष दिया है। विवि प्रशासन के मुताबिक विश्वविद्यालय द्वारा चिह्नित ट्रेवल एजेंसी का अनुबंध समाप्त हो गया है। नई एजेंसी के चयन के लिए ई-टेंडरिंग किया गया है। नई एजेंसी के चयन होने तक परीक्षा प्रश्न पत्रों को नोडल सेंटर्स तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश के अधिकांश विश्विद्यालयों में नोडल सेंटर्स के माध्यम से परीक्षा प्रश्न पत्रों को भेज कर ही परीक्षा सुनिश्चित कराई जाती है। सीबीसीएस सेमेस्टर प्रणाली के क्रियान्वयन के कारण परीक्षाओं की संख्या बढ़ गई है,इससे विवि के ऊपर वित्तीय भार बढ़ गया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए तथा अन्य विश्वविद्यालयों का अनुकरण करते हुए नोडल सेंटर्स की व्यवस्था द्वारा प्रश्न पत्रों के वितरण की व्यवस्था को अपनाया है।
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