डीडीयू.छात्रावास के आवंटन को लेकर एबीवीपी का विशाल धरना प्रदर्शन-
1 min readरफ़्तार इंडिया न्यूज़-गोरखपुर-
ब्युरो रिपोर्ट गोरखपुर-
विश्विद्यालय में व्याप्त घोर अनियमितता एवं छात्रावास आवंटन मे हो रहे गड़बड़ी को लेकर एबीवीपी का विशाल धरना प्रदर्शन-
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर महानगर द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्याप्त घोर अनियमितता एवं छात्रावास आवंटन मे हो रही गड़बड़ी को लेकर प्रशासनिक भवन पर विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस विरोध प्रदर्शन में विश्विद्यालय के आम छात्रों के साथ बड़ी संख्या में छात्रावासीयों ने कुलपति कार्यालय का जमकर घेराव किया।
इसके साथ ही एबीवीपी ने विश्विद्यालय में उत्पन्न हुई विभिन्न समस्याओं को लेकर कुलपति को एक माँग पत्र भी सौपा।
विश्वविद्यालय में छात्रावास का आवंटन प्रथम वर्ष में ही किया जाता है और वह विद्यार्थी अपना कोर्स पूरा होने तक छात्रावास में रहकर अपनी पढ़ाई करते हैं लेकिन इस बार की यह नई नीति कि प्रथम वर्ष में उनके अधिक रैंक होने पर पुनः आवंटन होगा, इस प्रकार के आवंटन की व्यवस्था विद्यार्थियों को परेशान करके रख दी है जो कतई उचित एवं बर्दाश्त नहीं है। गोरखपुर विश्वविद्यालय का कोई वार्षिक कैलेंडर निर्धारित नहीं है विश्वविद्यालय जब चाहे वर्ष भर प्रवेश ले रहा है ,जब चाहे परीक्षाएं करा रहा, और तो और शीतकालीन अवकाश को निरस्त करते हुए परीक्षाएं आयोजित करा रहा है, जो यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के पास किसी भी प्रकार का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है । नवंबर माह के अंतिम में संपन्न हुए मिड टर्म एग्जाम के बाद अभी कक्षाएं शुरू ही हो रही थी तब तक इंड -टर्म की परीक्षाएं आयोजित कराना विद्यार्थियों के लिए हितकर नहीं है, अभी विद्यार्थी अपने सिलेबस के पूरे पाठ्यक्रम को अध्ययन कर पाए उससे पूर्व ही परीक्षाएं कराना न्यायोचित नहीं है विश्वविद्यालय द्वारा निकाले गए परीक्षा की समय सारणी को निरस्त करते हुए अगली समय सारणी जारी करना चाहिए। गोरखपुर विश्वविद्यालय के LL.M के 36 में से 32 विद्यार्थी जो फेल किए गए थे, उनके परीक्षा परिणामों पर अभी भी किसी प्रकार का पुनर्मूल्यांकन नहीं हुआ है, न ही परिणाम घोषित हुए ,और आज विश्वविद्यालय का फीस जमा करने एवं परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में वीआईपी कल्चर को लागू करते हुए इसे सचिवालय बना दिया गया है यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों का है जो भी समस्याएं विद्यार्थियों को होंगी वह अपनी समस्याओं के लिए प्रशासनिक भवन पर आएंगे इस प्रकार से वीआईपी कल्चर को लागू करते हुए पास सिस्टम लागू करना कतई बर्दाश्त नहीं है यह विद्यार्थियों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में शराब की बोतलें पाया जाना यह विश्वविद्यालय की अस्मिता एवं उसकी छवि को धूमिल करता है विश्वविद्यालय को नशाखोरी का अड्डा बनाना प्रत्येक के लिए शर्म की बात है विद्या के पावन मंदिर में जहां विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं वहां इस प्रकार की नशीली वस्तुएं पाया जाना कहीं न कहीं विश्वविद्यालय प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर देती है। विश्वविद्यालय के संवाद भवन, प्रेक्षागृह एवं सभागार प्रदेश सरकार द्वारा विद्यार्थियों की विभिन्न प्रकार के प्रतिभा को आगे ले जाने हेतु उन्हें एक मंच प्रदान करने हेतु एवं विभिन्न प्रकार की बौद्धिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु आवंटन के लिए बने होते हैं ना कि उस सभागार से विश्वविद्यालय के मनमानापूर्ण धनार्जन करने के लिए। विश्वविद्यालय समेस्टर की परीक्षा को संपन्न कराने में लगा हुआ है अभी तक 50% विद्यार्थियों को भी विश्वविद्यालय का आई कार्ड नहीं प्राप्त हुआ है जिससे अवैध विद्यार्थी भी कैंपस में घूम रहे हैं और विश्वविद्यालय में अराजकता फैला रहे हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के तानाशाही प्रशासनिक रवैया से विश्वविद्यालय के शिक्षक,कर्मचारी, विद्यार्थी बहुत ही डरे एवं सहमे हुए हैं कोई किसी भी प्रकार की बात को विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखने के लिए आगे नहीं आ रहा है क्योंकि विश्वविद्यालय उन्हें तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए डराने का कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणामों में बड़ी मात्रा में धांधली हो रही है परीक्षा परिणामों की कोई प्रमाणिकता नहीं रही है जो मार्क परीक्षा एजेंसी को भेजे जा रहे हैं वह मार्क न अंकित होकर के परीक्षा एजेंसी द्वारा अन्यत्र मनमाने ढंग से कोई भी मार्ग अपडेट करके भेज दिया जा रहा है। यह कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की कमियों को बताते हुए यह दर्शाता है कि या तो कॉपियों का मूल्यांकन ठीक से नहीं हुआ या परीक्षा एजेंसी की गड़बड़ी है और इसे तुरंत बदलने की आवश्यकता है। N.C.छात्रावास से तुरंत पीएसी को हटाते हुए परीक्षाओं को देखते हुए इस छात्रावास का आवंटन शीघ्र कराया।
एबीवीपी गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ गौंड ने कहा कि विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा आम छात्रों को लगातार परेशान किया जा रहा है जो किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
एबीवीपी द्वारा लगातार ज्ञापन देने तथा विश्विद्यालय प्रशासन को काली करतूतों के बारे में जानकारी देने के बावजूद कोई प्रभाव नही पड़ा और जब परिषद का कार्यकर्ता विभिन्न मांगो को लेकर विश्विद्यालय प्रशासन के पास जाता है तो उल्टा उसी के ऊपर मुकदमा कराने की बात कही जाती हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त मांगों के समाधान के लिए विद्यार्थी परिषद आपसे आग्रह करती है, मांगे ना पूरी होने पर विद्यार्थी हित में हम सभी आंदोलन को बाध्य होंगे जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।
इस मामले में छात्रावासीयों का कहना है कि आज विश्विद्यालय में प्रत्येक छात्र के अंदर एक भय का माहौल है, जो सुखद शैक्षिक परिसर के लिए शुभ संकेत नही है।
छात्रावास में जबरन पुलिस घुसकर छात्रों का उत्पीड़न करती हैं।
इस ग़ंभीर मामले को लेकर कई बार विश्विद्यालय प्रशासन को अवगत कराया गया परंतु विश्विद्यालय द्वारा कोई भी निर्णय नही लिया गया।
आज लगभग चार घंटे तक छात्रों ने कुलपति कार्यालय का घेराव किया,तत्पश्चात कुलपति स्वयं आकर विद्यार्थियों के माँगो पर जल्द निर्णय लेना को कहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नंदिता,प्रांत सहमंत्री मयंक राय,
विश्विद्यालय इकाई अध्यक्ष पीयूष मिश्रा,इकाई मंत्री चंद्रपाल सिंह यादव,महानगर मंत्री प्रियंका चौरसिया सहित समस्त कार्यकर्ता एवं विश्विद्यालय के आम विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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