30 दिनों में करना होगा,थाने में जंग खा रहे गाड़ियों का निस्तारण-
1 min read रफ़्तार इंडिया न्यूज़-गोरखपुर-
रिपोर्ट-जर्नलिस्ट-गुरूचरण प्रजापति-महराजगंज-
कोर्ट का बड़ा फ़ैसला-थानों में धूल फांक रहे गाड़ियों का निस्तारण अब थानों में30दिनों के भीतर करने का आदेश जारी-
वाहनों के टायर ट्यूब या पार्ट्स निकाल कर पुलिसकर्मी अपने वाहनों में लगा लेते हैं।
अब नए कानून के मुताबिक 30 दिन के अंदर वाहन स्वामी तक पहुंचाना होगा गाड़ियां-
पुलिस इस तरह के वाहनों को लेकर काफी परेशानी में पड़ी रहती है। न्यायालय की लंबी प्रक्रिया के बाद ही इस तरह से बंद वाहनों के बारे में पुलिस कुछ निर्णय ले पाती है। तब तक गाड़ी का ज्यादातर सामान धूप और बारिश के बीच खराब हो गया होता है। थाने में इस तरह के वाहन कागजों की कमी या दुर्घटना करने के कारण बंद किए जाते हैं। इनको छुड़ाने के लिए वाहन स्वामियों को पुलिस संग न्यायालय की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वाहन अगर लावारिस है तो इसमें और समय लगता है। पुलिस विभाग फाइनल रिपोर्ट लगाता है।
कोर्ट के आदेश के बाद नीलामी-
न्यायालय की स्वीकृति मिलने के बाद ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए थाना इंचार्ज की निगरानी में कमेटी बनती है, तब नीलामी की कार्रवाई पूरी की जाती है। लावारिस वाहनों के लिए विभाग को विज्ञापन भी निकलवाना पड़ता है। एआरटीओ कार्यालय द्वारा कीमत लगायी जाती है। लंबी अवधि तक मामले लंबित रहने के कारण ही थानों में वाहनों की लंबी कतार दिखती है। सबसे अहम बात यह कि थानों में वाहनों के रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं रहती। इसके कारण वाहनों के पार्ट बेकार हो जाते हैं।
यूपी के महराजगंज जनपद के थानों और कोतवाली में नजर डालें तो यहां बरसों से लगभग 5000 छोटे बड़े वाहन मुकदमों के निस्तारण न होने से धूल फांकते-फांकते कबाड़ में बदल गए हैं। जनपद में महिला थाना को मिलाकर कुल 20 थाने और कोतवाली हैं। इन कोतवाली और थानों में विभिन्न मामलों में बरामद किए गए वाहन मुकदमा चलने की दशा में कबाड़ में बदल चुके हैं। जिले के महराजगंज कोतवाली में तकरीबन सैकड़ो छोटे बड़े वाहनों का अंबार लगा हुआ है-
मुकदमों के निस्तारण न होने से कबाड़ में बदल गए हैं। यही स्थितिजिले के अन्य थानों और चौकियों की है।
रफ़्तार इंडिया न्यूज-गोरखपुर-